हिमाचल जनादेश ,(संवाददाता )
आज पृथ्वी दिवस है इस दिवस के अवसर पर हमें एक जागरूक नागरिक का दायित्व निभाने का संकल्प करना चाहिए।पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है। केवल मानव जीवन ही नहीं वरन् सैकड़ों जीव प्रजातियों का निवास भी पृथ्वी पर ही संभव है।प्रकृति ने प्रत्येक जीवन के लिए सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाईं है जिससे सभी जीवधारियों का जीवन आसानी से और सुविधाओं से सम्पन्न हो सके।
प्रकृति के प्रत्येक घटक जैसे वायु ,जल , स्थल सभी के लिए आवश्यक है और इन सभी के मध्य एक समन्वय स्थापित किया गया है। लेकिन मानव ही एक ऐसा प्राणी है जिसने सभी संसाधनों का अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जरूरत से ज्यादा दोहन व उपभोग किया है जिसके कारण संसाधनों की उपलब्धता पर सवाल पैदा हो रहें हैं।
मिट्टी की गुणवत्ता में कमी, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई व विकास के नाम पर पर्यावरण के साथ हो रहा खिलवाड़ हमें यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए क्या संरक्षित कर रहे हैं और उनके भावी जीवन के लिए क्या छोड़ कर जाएंगे।
क्या हम अपने उत्तरदायित्व से विमुख होते जा रहे हैं या कर्तव्यों के प्रति उदासीन।आज हम इस विषय पर चिंतन मनन करके प्रभावी कदम उठाने के लिए आगे आंऐ और संकल्प लें कि पृथ्वी पर सभी प्राणियों का समान अधिकार है और मानव जाति ही इस दिशा में जागरूक होकर सभी प्राणियों के अस्तित्व को संरक्षित रखने में अपने उत्तरदायित्व का पूरी निष्ठा से निर्वहन कर सकते हैं।।
याद रखें।।। पृथ्वी है तो जीवन है… … .
विक्रमजीत,स्वतंत्र लेखक,
चंबा, हिमाचल प्रदेश।