स्कूलों को लेकर हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला:स्टूडेंट्स की संख्या के आधार पर किए जाएंगे डिनोटिफाई,पढ़े पूरी खबर

स्कूलों को लेकर हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला:स्टूडेंट्स की संख्या के आधार पर किए जाएंगे डिनोटिफाई,पढ़े पूरी खबर

 

हिमाचल जनादेश ,शिमला (ब्यूरो )

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने स्कूल बंद करने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब बच्चों की एडमिशन के आधार पर ही स्कूलों को खुला रखा जाएगा। शिक्षा विभाग ने पहली से लेकर 12वीं कक्षा तक एडमिशन का क्राइटेरिया तय कर दिया है। अगर डिनोटिफाई किए गए स्कूल उस क्राइटेरिया को फॉलो करते मिले तो सरकार उन्हें बंद नहीं करेगी।

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हिमाचल में 1 अप्रैल से समर क्लोजिंग स्कूल खुल गए हैं और उनमें एडमिशन का दौर भी शुरू हो गया है। शिक्षा विभाग 13 अप्रैल तक देखेगा कि डिनोटिफाई किए गए स्कूलों में संबंधित कक्षाओं में बच्चों की कितनी स्ट्रेंथ है। उस स्ट्रेंथ को आधार बनाकर ही स्कूलों को खुला रखा जाएगा। अन्यथा उन्हें बंद कर दिया जाएगा।

एडमिशन का यह रहेगा क्राइटेरिया
उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा के अनुसार, 12वीं कक्षा में कम से कम 25 बच्चों का होना अनिवार्य है। 10वीं में 20, मिडिल में 15 और प्राइमरी कक्षा में 10 बच्चे होना जरूरी है। अगर डिनोटिफाई किए गए स्कूलो में संबंधित कक्षाओं में बच्चों की संख्या विभाग द्वारा तय किए गए मापदंड पर खरी उतरती है तो स्कूल खुले रहेंगे।

सरकार ने 285 सरकारी स्कूल किए डिनोटिफाई
सुक्खू सरकार ने पूर्व की जयराम सरकार द्वारा खोले गए 285 सरकारी स्कूलों को डिनोटिफाई कर दिया है। सरकार का मानना है कि यह वह स्कूल हैं, जहां पर जीरो एनरोलमेंट है। विपक्ष के दबाव के चलते सरकार ने समर क्लोजिंग स्कूलों को 13 अप्रैल तक स्टूडेंट की स्ट्रेंथ के आधार पर डिनोटिफाई करने का फैसला लिया है।

इस दौरान अगर संबंधित स्कूलों में बच्चों की एडमिशन होती है तो ही स्कूल खुले रहेंगे। प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्ष लगातार सरकार को संस्थानों और स्कूलों को बंद किए जाने के फैसले पर घेर रहा है। सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि बंद किए गए संस्थानों को रिव्यू करके नीड बेस्ड ही खोला जाएगा।

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